Sunday, October 1, 2017

हरी के समोसे

बचपन से हम हरी के समोसे खाते आ रहे है तो सोचा की आप सबको भी इस बारे में बताया जाए।

इलाहबाद के चौक की लोकनाथ गली में हरी राम एंड संस की दुकान है। ये दुकान 1890 में बनी थी और तब से आज तक इसके सभी प्रोडक्ट में वही स्वाद बरक़रार है। वैसे यहाँ और भी बहुत कुछ मिलता है पर हमें सिर्फ़ समोसा और दालमोट ही ज़्यादा पसंद है। और हर तरह के मसले भी मिलते है पर हमें इनका दम आलू मसाला भी बहुत अच्छा लगता है ।

समोसा तो हम खाते रहे है पर कभी दुकान पर नहीं गए थे । पर अबकी पहली बार हम ख़ुद लोकनाथ गए और समोसा ख़रीद कर लाए है। आम तौर पर चौक और लोकनाथ में बड़ी भीड़ भाड़ होती है और कार से वहाँ तक जाना सम्भव नहीं होता है पर संडे को चूँकि चौक बंद रहता है तो आसानी से इस दुकान तक जाया जा सकता है।

दुकान पर हरी राम के बेटे श्री राम मिले जिनसे हमने थोड़ी बात भी की थी।

ये समोसा बिलकुल ड्राई और छोटा समोसा होता है और इसे बहुत दिनो तक रखा जा सकता है। इसकी ख़ासियत ही यही है की ये महीनों तक ख़राब नहीं होता है और स्वाद भी बरक़रार रहता है क्यूँकि देशी घी में बना होता है। और इसका मसाला बहुत ही चटपटा और स्वादिष्ट होता है।

तो अब जब कभी भी आप इलाहबाद जाए तो हरी के समोसे ज़रूर ख़रीदें और खाए। :)

















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