Tuesday, May 13, 2008

मनखुर्द आम

गर्मी का मौसम हो और आम की बात ना होऐसा कैसे हो सकता हैअब गोवा मे तो लंगडा,दसहरी या चौसा आम नही मिलता है पर यहां पर हापुस ,अल्फंजो ,और मनखुर्द आम मिलता है अल्फंजो तो मुम्बई से आता है पहले तो हापुस को कहा जाता था की वो गोवा का सबसे महंगा आम है पर हमारे ड्राइवर का कहना है की हापुस तो मुम्बई का आम है गोवा का असली आम तो मनखुर्द है

तो चलिए आज आपको मनखुर्द के बारे मे ही क्यों ना बता दिया जाए हाँ ये आम गोवा मे होता जरूर है पर इसका दाम बहुत ज्यादा होता हैहालांकि इस आम की यहां खूब पैदावार होती है शुरू-शुरू मे तो ५० रूपये मे एक और फ़िर १०० रूपये मे तीन यहां पर आम को तौल कर नही दिया जाता है बल्कि गिनती या नम्बर से बेचा जाता है किलो का तो कोई हिसाब ही नही होता है


ये आम आकार मे ना तो बहुत छोटे और ना ही बहुत बड़े होते है कुछ बिल्कुल पीले तो कुछ आम मे हलके हरे और लाल रंग भी दिखते है।(कह सकते है की ये आम रंग-बिरंगा होता है ) इस आम का स्वाद अच्छा होता है यानी की मीठा पर अगर जरा भी कम पका होता है तो बिल्कुल नीबू जितना खट्टा होता है

नोट-- कभी- कभी आपको इसके एक ही आम मे लंगडा ,दसहरी,और चौसा का स्वाद मिल जाता है जैसे हमे इस फोटो मे रखे हुए आम मे मिला था :)

7 comments:

अफ़लातून said...

पूरे फल में गुठली का अनुपात कितना होता है,अन्दाज दीजिए।

दिनेशराय द्विवेदी said...

अपनी नम्बर एक पसंद लंगड़ा देर से आता है और आखिर तक आता रहता है, पहुँच में है। गुठली छोटी। आप के मनखुर्द की तो आधी से कम है।

Suvichar said...

मेरी तो लार टपकने लग गई कटे हुए आम को देख कर. बहुत बहुत धन्यबाद इस जानकारी के लिए.

डॉ .अनुराग said...

aam falo ka raja hai...

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

मानखुर्द आमे बारे मेँ
अच्छी जान्कारी दी
आपने ममता जी
हापुस ,
रत्नागिरि और वलसाड का
best होता है
--- लावण्या

Udan Tashtari said...

आम!! हाय!! यहाँ तो बस अल्फान्जो आता है. वो भी पेटी ही खरीदो तो बात बने.

pallavi trivedi said...

yummy....munh mein paani aa gaya.achchi jaankari.