पिछली पोस्ट मे कोकम और कोकम कढ़ी के बारे मे बताया था और आज अपने वादे के मुताबिक हम आज कोकम का फल और शरबत आप के लिए लाये है। कोकम फल यूं तो देखने मे बहुत कुछ plum जैसा लगता है पर प्लम ज्यादा गाढे रंग का होता है और कोकम का फल गाढा गुलाबी या जामुनी रंग का होता है। इसका पेड़ ३ साल मे फल देने लगता है (इसके पेड़ की फोटो एक फार्म हाउस मे खींची थी)
इस फल का स्वाद खट-मीठा सा होता है। इसका मीठा शरबत बाजार मे खूब मिलता है ।इसका शरबत बिल्कुल फ्रेश और तरावट देने वाला होता है। इसकी बोतल की कीमत २५ रूपये है। ये प्लास्टिक की बोतल है इसलिए गिर कर टूटने का खतरा कम रहता है और इसमे हैंडल भी लगा है जिससे इसे गिलास मे उड़ेलना भी आसान है। एक बोतल मे ५-६ गिलास शरबत आता है।
इसके शरबत की रेसिपी भी बता देते है हालांकि फल कम ही मिलता है ।इतने दिन मे हमारे घर मे भी बस एक बार ही ये शरबत बना है और वो भी इसलिए क्यूंकि हमारी खाना बनाने वाली आंटी जी इसे कहीं से तोड़ कर लाई थी।
विधि--
कोकम के फल को थोड़े से पानी मे डाल कर निचोड़ लेते है और फ़िर उसमे चीनी मिला कर छान लेते है बिल्कुल वैसे ही जैसे फालसे का शरबत बनाते है। बस हो गया कोकम का मीठा शरबत तैयार । आप इसे ठंडा करके पी सकते है।
नोट-- गोवा मे लोतली मे BIG FOOT नाम की जगह है(जिसके बारे मे हम mamtatv पर बताएँगे ) वहां कोकम शरबत की बोतल सिर्फ़ २५ रूपये मे मिलती है। फ्रेश और स्वादिष्ट । तो अगली बार गोवा आकर कोकम पीना मत भूलियेगा। :)
Tuesday, June 10, 2008
कोकम फल और कोकम का शरबत
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8 comments:
शुक्रिया ममता जी इतनी अच्छी जानकारी देने के लिए ..:)
ममता जी
महाराष्ट्र में आने के बाद ही कोकम के बरे में सुना इस से पहले जयपुर या राजस्थान में इसका नाम भी नहीं सुना था. वहां फालसे का शरबत ही हम लोग पिया करते थे.आज आप की पोस्ट पढने के बाद इसे पीने की सोचता हूँ, मुझे उम्मीद है इसका स्वाद कुछ कुछ फालसे जैसा ही होगा..
नीरज
bahut hi badhiya jankari aur receipi bhi.
ममता जी,
गुजराती दाल के लिये यही कोकम खटाई की जगह इस्तेमाल किया जाता है
और मैँ बम्बई से मँगवाती हूँ ..ताजे कोकम यहाँ मिलते नहीँ तो शरबत पिया नहीँ ..
जनकारी के लिये, आभार -
- लावण्या
बड़ी नई नई चीजें पता चल रही हैं. कभी पिया तो नहीं.
yaha to milta nahi hai...kabhi goa gaye to zaroor piyenge.
.... दिलचस्प व स्वादिष्ट जानकारी...... पहली बार में आपका ब्लॉग भा गया ..... हमेशा आऊंगा...
uttarakhand mei ise kaise payen yahan to market mei nahi milta.
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