जैसा कि आजकल कहा जाता है कि white rice और white bread हैल्थ के लिए उतने अच्छे नही होते है ।जितना brown bread और brown rice तो हमने सोचा कि भाई चलो इसे भी ट्राई कर लेते है । हो सकता है इसे खाने से कुछ वजन कम हो जाए । :)
तो हमने भी brown rice का एक किलो का पैकेट खरीद ही लिया । अब जब इसे खरीदा और खाया तो सोचा आप लोगों को भी इसके बारे मे बता दिया जाए ।
इस एक किलो के पैकेट का दाम ६० रूपये है जो शायद इसकी पैकिंग की वजह से ज्यादा है वरना जो rice बिना इस पैकिंग के मिलता है वो ४० रूपये का होता है । और ये product गोवा के ही chorao island farmers club द्वारा बनाया गया है । अब ये rice सिर्फ़ गोवा मे ही मिलता है या और जगहों पर भी मिलता है ये हम नही जानते है । पर हाँ दूसरे शहरों मे ये किसी और कंपनी या नाम से जरुर मिलता होगा ।
इस चावल को बनाने या पकने के लिए समय ज्यादा लगता है जैसे आम चावल जहाँ ५-१० मिनट मे बन जाते है वहीं इसे बनने मे कम से कम २० मिनट तो लगते ही है । और पानी भी ज्यादा लगता है इसको पकाने मे । जहाँ तक टेस्ट का सवाल है तो वो ठीक-ठाक ही है ।
इस rice की सबसे बड़ी खासियत ये है कि थोड़ा खाने पर भी मन और पेट दोनों तृप्त हो जाते है तो इस हिसाब से ये सेहत के लिए भी अच्छा हुआ । :)
नोट--आप चाहे तो हरी मटर डालकर इसका पुलाव बना सकते है जो खाने मे टेस्टी लगता है ।
Tuesday, February 24, 2009
बॉयल ब्राउन राइस (boil brown rice )
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10 comments:
ममता जी, शायद आपको अंदाज़ा नहीं कि आपने क्या चर्चा छेड़ी है, इस पर मैं टिप्पणी नहीं पुरवाई में पोस्ट लिखना चाहूँगी… बस एकाध दिन में…
वाह-वाह जी वाह, अब हमें बनाना ही पड़ेगा, ज़रा देखें तो कैसा स्वाद आता है!
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तख़लीक़-ए-नज़र
" ek baar to try krenge hi..."
Regards
jarur try karenge ji,hamne suna tha,magar lae kabhi nhai.
कभी खाए तो नहीं बना के देखेंगे
अजी हम तो चावल खाते ही नही, लेकिन मेरी बीबी ओर बच्चे बहुत मजे से खाते है, उन्हे पढाऊगा यह आप की पोस्ट.
धन्यवाद
हम तो कई साल हुए यही खाते हैँ हाँ मेहमानोँ को अक्सर बासमती खिलाते हैँ :-)
- लावण्या
kya baat hai sava ser shopper
Bahut Khoob....
होली के शुभ अवसर पर,
उल्लास और उमंग से,
हो आपका दिन रंगीन ...
होली मुबारक !
'शब्द सृजन की ओर' पर पढें- ''भारतीय संस्कृति में होली के विभिन्न रंग''
कल ही मैंने ब्राउन राइस खाया था, अपने साउथ इंडियन दोस्तों के यहाँ, टेस्ट वाकई लाजबाब था और थोड़ा खाने पर ही पेट भर गया। ये राईस वो (अन्ना, मेरा दोस्त) केरल, कासरगोड़ से लाया था, और ये चावल वहां के प्रसिद्ध हैं।
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